
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : फाइल फोटो
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दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर बसें जाम की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही हैं। हर रोज करीब 20 से 25 फीसदी बसें बीच सड़क पर खराब हो जाती हैं। अगर बस को प्रेशर रहने तक हटा दिया तो ठीक, अन्यथा क्रेन से भी बस को मौके से नहीं हटाया जा सकता। मैकेनिक ही बस को आकर हटाता है। मैकेनिक के आने तक बस के कारण बड़े पैमाने पर जाम लग जाता है।
अध्ययन में ये बात सामने आई कि बस के खराब होने पर दो से तीन किमी का जाम लग जाता है। वर्ष 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी और क्लस्टर बसें 110 फीसदी ज्यादा खराब हुई हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बसों के कारण लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक अध्ययन के अनुसार, द्वारका जिले में वर्ष 2022 में वर्ष 2021 के मुकाबले बस खराब के मामलों में 390 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई। इसके बाद दक्षिण-पश्चिमी जिले में 95 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। अध्ययन में पता लगा कि पटेल नगर क्षेत्र में बस खराब होने के मामलों में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
चितरंजन पार्क में 36 और करोल बाग में आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, कई जगह बस खराब होने के मामलों में कमी देखी गई है। हौजखास में 16 फीसदी और मायापुरी में आठ फीसदी और वसंत विहार में चार फीसदी की कमी आई है। पूरी दिल्ली का अध्ययन करने से पता लगा कि ज्यादातर बसें मध्य दिल्ली के पहाडग़ंज, पटेल नगर, करोल बाग, कोतवाली आदि में ज्यादा खराब हुई है। खास बात ये है कि बाहरी दिल्ली के इलाकों में बसों के खराब होने की सूचना नहीं दी जाती।
