आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़।
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विस्तार
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को ऐतिहासिक निर्णय देते हुए दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली के मुख्यमंत्री के हाथों में सौंप दिया है। इससे दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आने की संभावना जताई जा रही है। इस मुद्दे पर हमारे संवाददाता ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ से मुलाकात की और इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-
प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को आम आदमी पार्टी किस तरह से देख रही है?
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने यह साबित कर दिया है कि देश में लोकतंत्र जिंदा है। 2013 में जब हमने सरकार बनाई थी, उसके चंद महीनों के बाद 23 मई 2015 को ही हमसे दिल्ली की सेवाएं छीन ली गई थीं। हम चाहकर भी योग्य अधिकारियों को जनता के कार्यों में नहीं लगा पा रहे थे, न ही अक्षम अधिकारियों को उनके स्थान से हटा पा रहे थे। लेकिन अब योग्य अधिकारियों को अच्छी जगहों पर लगाया जाएगा और अयोग्य अधिकारियों को हटाया जाएगा। जनता की सेवा में कोई कमी स्वीकार नहीं की जाएगी।
दिल्ली की जनता ने देखा है कि कुछ अधिकारियों ने कैसे केंद्र के इशारे पर अरविंद केजरीवाल सरकार के जनहित के कार्यों में अड़ंगा लगाने का काम किया। आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का आभारी है, जिन्होंने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए यह सिद्ध कर दिया है कि जनता के लिए कार्य करने वाली सरकारों को रोका नहीं जा सकता। सच्चाई तो यह है कि 2018 में ही अदालत ने हमारे पक्ष में निर्णय दे दिया था, लेकिन केवल केंद्र सरकार की जिद के कारण यह मामला अब तक लटका रहा।
प्रश्न- अब जबकि केंद्र सरकार का निर्णय आपके अनुसार आ गया है, दिल्ली में क्या बदलाव देखने के लिए मिल सकते हैं?
उत्तर- हमारे मुख्यमंत्री ने पहले ही कह दिया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आने के बाद जनता की सेवाओं में तेजी आ जाएगी। अब तक हमारे जिन कार्यों को रोका जा रहा था, अब हम तेजी से उन पर निर्णय ले सकेंगे। अब तक हमारे पास किसी चपरासी तक को नियुक्त करने का अधिकार नहीं था, जबकि कहा जा रहा था कि हम अध्यापकों-प्रिंसिपलों की भर्ती नहीं कर रहे। लेकिन अब हम तेजी से निर्णय लेंगे और बताएंगे कि जनता की सेवा कैसे की जाती है। हम पंजाब में पूरी तरह यह करके दिखा रहे हैं, अब दिल्ली वालों को भी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रश्न- लेकिन इस निर्णय के बाद भी पुलिस और भूमि से जुड़े महत्त्वपूर्ण विभाग केंद्र के माध्यम से उपराज्यपाल के पास ही रहने वाले हैं। ऐसे में क्या टकराव की संभावना पूरी तरह समाप्त हुई हैं?
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सामने आने के बाद स्थिति बहुत अच्छी तरह क्लीयर हो गई है। हम तो केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि वे संसद में कानून में थोड़ा परिवर्तन करें और दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी भी अरविंद केजरीवाल के हाथों में दे दें। अभी तक दिल्ली महिलाओं-बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हुई है। लेकिन हम वादा करते हैं कि यदि दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी भी हमारे पास आ जाएगी तो हम पुलिस व्यवस्था को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाकर दिखाएंगे।
प्रश्न- इस निर्णय के बाद दिल्ली सरकार की प्राथमिकता क्या रहेगी?
उत्तर- मुख्यमंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद तुरंत ही अपनी कैबिनेट के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी तय कर ली हैं और उसका इशारा भी कर दिया है। अभी के स्तर पर हम आपको केवल इतना ही बता सकते हैं कि जनता का हित हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। केंद्र सरकार के अवरोध के कारण अब तक जो काम अटके हुए थे, वे सबसे पहले किए जाएंगे। हम दिल्ली को दुनिया के सबसे बेहतरीन शहरों में बनाकर दिखाएंगे।
प्रश्न- क्या दिल्ली के कामकाज का असर आम आदमी पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति पर भी दिखाई पड़ेगा? किस तरह का बदलाव देखने को मिल सकता है?
उत्तर- देखिए, हमारी पूरी राजनीति जनता के लिए बेहतर काम करने पर आधारित रही है। हमने जनता को मुफ्त बिजली, पानी, परिवहन और ऑनलाइन सेवाएं देकर यह साबित किया है कि बिना भ्रष्टाचार किए भी एक बेहतर प्रशासन दिया जा सकता है। स्पष्ट है कि जब हमारे कामकाज की चर्चा पूरे देश में होगी, तो उसका लाभ पार्टी को मिलेगा। लेकिन हमारी प्राथमिकता जनता का हित है, राजनीति तो बाद की चीज है। हमारा विश्वास है कि यदि हम जनता के हित के लिए काम करेंगे तो जनता हमें स्वयं आशीर्वाद देगी। हम अपने इसी विश्वास पर आगे चल रहे हैं।